Madan Maholvi kee Nazmain , Kahaniya aur Tasveerain
Likhta hoon tou likhta hoon, dile-e-betaab kee tashqueen' ko ....
भरम
थोड़ा सा भरम प्यार का रहने देना
रिश्ता कोई दरों दीवार का रहने देना
जो तहजीबो तमद्दन का पता दे
बिखरा हुआ मलबा परिवार का रहने देना
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