फ़ना की तारिख

तुम भी कहते हो
और मुझे  भी एेसा  ही लगता है
बहुत पास कही जैसे
घन घोर घटा बरस रही हो
तुंद -ओ-तेज हवा- आ़ँधी
सदियों के मज़बूत क़िले गिरते हो
चीख़ो की गड़मड आवाज़ें
शोर
बूटोॅ के खडाके
सोचो
वह कौन सी तारीखें है
माह साल और दिन
जो क़यामत का दिन है
जिसदिन रउहेॅ क़बरों से निकलेॅगी
राजे-महाराजों की
मज़दूर ग़ुलामों की
शायर और ताजर४ रूहें
बेबस और जाबर ५रुहे
क़बरों से बेिलबास  िनकलेंगी
वह कौन सी तारीखें है
मगर
इस से पहले
जब फ़ना ६ का गजर७  ख़ुद - ब-ख़ुद बजने लगेगा
और बदी ८ की बोरियाँ उठाए हुए
हम
गहरे पानियों  में उतरते  चले जाएँगे
वह फ़ना की तारीख़
तुम भी कहते हो
और
मुझे भी ऐसा ही लगता है
बहुत पास कही जैसे
घनघोर घटा बरस रही हो ।

१विनाश   २जोरदार और तेज ।   ३परलय ।  ४ व्यापार ी   ५अतयाचारी ।    ६िवनाश ।    ७घिडयाल ।   ७बुराई ।